धर्मनिरपेक्ष या पंथनिरपेक्ष
(चित्रः Wikipedia से साभार)
27/11/2015, नई दिल्ली।
कल भारत का पहला संविधान दिवस मनाया गया। स्वतंत्रता के 68 वर्षों बाद और संविधान
के लागू होने के 55 साल बाद यह शुरूआत की गयी है। कल से शुरू हुए संसद के शीतकालीन
सत्र में पहले दो दिन को डॉ. भीमराव आम्बेदकर के 125वीं जयंती समारोह और संविधान के
प्रति प्रतिबद्धता पर चर्चा के लिए रखा गया है। चर्चा की शुरूआत करते हुए देश के
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक बात जो प्रमुखता से कही वो संविधान के प्रस्तावना में
शामिल ‘सेकुलर’ शब्द का आज की राजनीति
में दुरूपयोग किया जा रहा है। गृहमंत्री ने यह भी कहा कि संविधान के आधिकारिक
अनुवाद में ‘सेकुलर का अर्थ पंथनिरपेक्ष है धर्मनिरपेक्ष नही’।